Friday 4 October 2019

🌿🌿🍑 *सातवां नवरात्रा*🍑🌿🌿 👣👣🎋 *आअो मैया*🎋👣👣 🎋☀✋ *माँ कालरात्रि*✋☀🎋

🌿🌿🍑 *सातवां नवरात्रा*🍑🌿🌿
👣👣🎋 *आअो मैया*🎋👣👣
🎋☀✋ *माँ कालरात्रि*✋☀🎋
👉 *नवरात्रि के सातवें दिन देवी दुर्गा की सातवीं स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा होती है। देवी कालरात्रि अकाल मृत्यु से बचाने वाली हैं।* *इसलिए इन्हें कालरात्रि कहा जाता है। कहते हैं कि इस दिन देवी की उपसाना में साधक को अपना चित्त भानु चक्र (मध्य ललाट) में स्थिर कर साधना करनी चाहिए। देवी कालरात्रि दुश्मनों का नाश करती है और भक्तों को मनोवांछित फल प्रदान करती हैं।*

👉🏻 *देवी माँ का स्वरूप :- देवी के इस स्वरूप के बारें में शास्त्रों में जो वर्णन मिलता है उसके अनुसार मां कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक है।*
*इनका रंग अंधेरे के जैसा काला है। इस स्वरूप में इनके केश बिखरे हुए हैं। साथ ही इनके गले में बिजली जैसे चमकने वाली माला है। देवी कालरात्रि के तीन नेत्र ब्रह्माण्ड की तरह विशाल और गोल हैं, जिनमें से बिजली की जैसी किरणें निकल रही हैं। मां कालरात्रि अपने भक्तों को हमेशा शुभ फल प्रदान करती हैं। इस वजह से इन्हें शुभंकरी भी कहा गया है। आगे हम जानते हैं कि चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन देवी कालरात्रि की पूजा के मंत्र और आरती क्या हैं।*

🍁🌺🎊🎋 *मंत्र* 🎋🎊🌺🍁

*या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता।*
*नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।*

*एक वेधी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।*
*लम्बोष्ठी कर्णिकाकणी तैलाभ्यक्तशरीरिणी।।*

*वामपदोल्लसल्लोहलताकण्टक भूषणा।*
*वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी।।*

🍁🌺🎊🎋 *ध्यान मंत्र*🎋🎊🌺🍁
*करालवंदना धोरां मुक्तकेशी चतुर्भुजाम्।*
*कालरात्रिं करालिंका दिव्यां विद्युतमाला विभूषिताम॥*

*दिव्यं लौहवज्र खड्ग वामोघोर्ध्व कराम्बुजाम्।*
*अभयं वरदां चैव दक्षिणोध्वाघः पार्णिकाम् मम॥*

*महामेघ प्रभां श्यामां तक्षा चैव गर्दभारूढ़ा।*
*घोरदंश कारालास्यां पीनोन्नत पयोधराम्॥*

*सुख पप्रसन्न वदना स्मेरान्न सरोरूहाम्।*
*एवं सचियन्तयेत् कालरात्रिं सर्वकाम् समृध्दिदाम्॥*

🍁🌺🎊🎋 *स्तोत्र पाठ*🎋🎊🌺🍁

*हीं कालरात्रि श्री कराली च क्लीं कल्याणी कलावती।*
*कालमाता कलिदर्पध्नी कमदीश कुपान्विता॥*

*कामबीजजपान्दा कमबीजस्वरूपिणी।*
*कुमतिघ्नी कुलीनर्तिनाशिनी कुल कामिनी॥*

*क्लीं हीं श्रीं मन्त्र्वर्णेन कालकण्टकघातिनी।*
*कृपामयी कृपाधारा कृपापारा कृपागमा॥*

🍁🌺🎋🎊 *कवच*🎊🎋🌺🍁

*ऊँ क्लीं मे हृदयं पातु पादौ श्रीकालरात्रि।*
*ललाटे सततं पातु तुष्टग्रह निवारिणी॥*

*रसनां पातु कौमारी, भैरवी चक्षुषोर्भम।*
*कटौ पृष्ठे महेशानी, *कर्णोशंकरभामिनी॥*

*वर्जितानी तु स्थानाभि यानि च कवचेन हि।*
*तानि सर्वाणि मे देवीसततंपातु*
🍁🎋 *श्री बालाजी सेवा समिति नोएडा (रजि.-1631)(एक प्रयास अध्यात्म की अोर)*🎋🍁

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